Uncategorized
प्यार की परिभाषा
(ज़िंदगी का अलाव) अच्छा, ज़रा यह बताओ यशोधरा, कि जब तुम्हें और तुम्हारे पुत्र को त्यागकर चला गया था राजकुमार सिद्धार्थ, किसी ख़ास बोध की खोज में, और तुम्हें कई अन्य राजकुमारों ने भेजे थे Read more…
Uncategorized
दो चाँद
जब वो छोटी बच्ची थी, एक ख़ूबसूरत सी रात, माँ उसे थपकी देकर सुला रही थी; तभी उसकी नज़र अचानक चाँद पर जा टिकी; और वो बोली, “माँ, मैं चाँद बनना चाहती हूँ!” माँ ने Read more…
Uncategorized
एक शहर
मेरे ज़हन के भीतर एक पूरा का पूरा शहर सोया हुआ है| एक ऐसा शहर जिसमें ख़ामोशियाँ न जाने क्यों, बहुत बोलती हैं| जिसमें कई ख़्वाबों के पुतले मर कर भी साँस ले रहे हैं| Read more…
Uncategorized
जाने क्यों नज़्में लिखती हूँ मैं?
जाने क्यों नज़्में लिखती हूँ मैं? वक़्त की कमी से पाँव थमते नहीं, कभी इधर, कभी उधर भागती रहती हूँ मैं; जिस तरह सूरज की तपती किरणों से दरख्तों के नीचे आराम मिल जाता है, Read more…
Uncategorized
बंजारन
बंजारन हूँ मैं, युगों-युगों की बंजारन! लेती जाती हूँ जनम पर जनम, कभी इस गाँव, कभी उस शहर; कभी इस नदी में अक्स देखती हूँ, कभी उस नदी की लहरें गिनती हूँ; कभी मरुभूमि पर Read more…
Uncategorized
THOUGHTS IN MY POCKET
With a few thoughts in my pocket I wandered over the hills and vales; Wondering how to stitch them together And in a pretty poetry interlace! I tossed some of the thoughts in the air Read more…
Uncategorized
FORGETFULNESS
I am so sorry- I am very forgetful! I forgot the hurt That you gave me last summer- It fell off like the leaves do In the autumn season And fresh leaves grew once again! Read more…
Uncategorized
WOMAN
Everyone thought that I am a breeze Flowing gently over hills and vales, Regaling all those who come my way, Revitalizing those whose heart ails. Air, that I am, I have various shapes And the Read more…